सेहत – ऐसी नीड़ से डर के छुपे रे बाबा! स्वास्थ्य का हो जाएगा बुरा हाल, हर तरह से बढ़ेगी परेशानी

पैकेज्ड जूस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक:दुनिया भर में रेडीमेड नी का जमाना है। भारत में तो अब भी घरों में ताज़ा खाना बनाने की परंपरा है लेकिन पश्चिम के अधिकांश देशों में ऐसी परंपरा नहीं है और वहां ज्यादातर लोग रेडीमेड खाना ही खाते हैं। रेडीमेड खाना का मतलब बाहर से पैक किया हुआ खाना. ये भी कुछ हो सकता है. यहां तक ​​कि चावल और रोटी भी पैक कर दी जाती है. इसे ज्यादातर दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए इसमें कई तरह के केमिकल मिलते हैं जो खराब न हों। भारत में मुख्य भोजन तो पैकेजिंग नहीं होती है लेकिन बिस्कुट, बेड, पेस्ट्रीज से लेकर सोडा, डैड, ऊर्जा और खाद्य पदार्थ तक में बंद रहता है और ब्रेड बॉल से लोग इनका सेवन करते हैं। अगर आप भी ये आदतें हैं तो संभल जाइए क्योंकि इससे बेहद नुकसान हो सकता है। खासतौर पर अगर आप प्लांटेड फूड ड्रिंक की आदत डालते हैं तो इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

क्या होता है नुकसान
फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग की यूनिट हेड-डायटेटिक्स डॉ. श्वेता गुप्ता ने बताया कि प्लांट स्टाफ बिल्कुल भी स्वस्थ नहीं होता। इनमें चीनी की मात्रा अधिक और पोषक तत्वों का सिद्धांत कम होता है। इसमें फलों के गूदे की मात्रा कम होती है, जबकि कृत्रिम स्वाद, स्टेबलाइजर, चीनी/मीठा पदार्थ/फ्रक्टोज सिरप की मात्रा बहुत अधिक होती है। आम तौर पर फलों का गुड़ कम होता है और उनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके सेवन से मधुमेह और रोग का खतरा होता है। सब्जी में सब्जी, विटामिन और सब्जियों की भी कमी होती है। यानी एक तरह से जब आप प्रोडक्ट्स प्रोडक्ट्स बनाते हैं तो उसमें से सभी तरह की रासायनिक चीजें पहले ही गायब हो जाती हैं और खराब होने वाली चीजें बेच दी जाती हैं। डॉ. श्वेता गुप्ता ने बताया कि समुद्री फल की जगह ताजा और जैविक खाद्य पदार्थ की सलाह दी गई है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब उत्पाद तैयार किया जाता है, तो उसका गूदा निकल जाता है और उसके साथ-साथ विटामिन, खनिज, जड़ी-बूटियाँ भी निकल जाती हैं। इसलिए, अच्छे स्वास्थ्य के लिए उत्पाद, विशेष रूप से पशु चिकित्सक से परामर्श।

फिर क्या करें
दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में मिनिमल एंकर, जीआई और बैरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डॉ. सुख वकील सिंह सग्गू ने बताया कि फूड ड्रिंक से वजन बढ़ सकता है, प्रतिरोध हो सकता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं। इसके बजाय विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का मिश्रण प्रदान किया जाता है। सग्गू ने कहा कि आपके स्वस्थ ब्रांडिंग के बावजूद, टोकर्ड फलों के रस में अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है और आवश्यक पोषक तत्व और कड़वा नहीं होता है, जो पूरे फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, इन रसों को बनाने में अक्सर एंजाइमों को नष्ट कर दिया जाता है और उत्पाद की गुणवत्ता को कम कर दिया जाता है। यदि आप स्वस्थ आहार बनाए रखते हैं, तो चार्टर्ड खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचना सबसे अच्छा उपाय है। इसके बजाय संपूर्ण फल या ताज़ा उत्पाद चुनें, क्योंकि वे आपके शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।


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