सेहत – यूपी के इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, खरीदे गए नए उपकरण

कन्नौज. यूपी के मेडिकल मेडिकल कॉलेज में इलाज करने वालों को अब और बेहतर सुविधा मिलेगी। यहां 2 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य संबंधी उपकरण बेचे गए हैं। मेडिकल कॉलेज में पूरे जिले से गरीब तबके समेत सभी लोग इलाज लेकर आते हैं।

मेडिकल कॉलेज में ब्लड सेप डिटेक्टर, सीएडी, सी आर्म, फेको, स्लिट लैप, टी डिवाईस डिवाइसेज का भुगतान किया जाता है। अब इसी तरह की धमकी का इलाज यहां आने वाले लोगों को नि:शुल्क लगाया जाएगा।

खोजों से संबंधित सर्वोत्तम सुविधा

तिर्वा मेडिकल मेडिकल कॉलेज में प्यास के इलाज को बेहतर बनाने के साथ-साथ प्यास की पढ़ाई के लिए तैयारी जोरों पर चल रही है। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण फैक्ट्री कार्यालय से मंजूरी मिल गई है और संयुक्त सचिव ने दो करोड़ का बजट भी दे दिया है। सरकारी मेडिकल कॉलेज के उत्सव, अस्थि, हृदय रोग सहित अन्य अभ्यर्थियों को प्लेट क्लास ना मिल पाने से परेशानी हो रही थी। आँखों की सामान्य तरीके से सर्जरी होती थी। हृदय रोगियों की हॉर्ट बीट जांच में परेशानी थी। नाक, कान और गला विभाग में प्रमुख ना होने से खोज की सर्जरी में गड़बड़ी हुई थी। अब यह समस्या दूर होगी.

मेडिकल कॉलेज में पीयाज़ की भी होगी पढाई

मेडिकल कॉलेज में मेमोरियल की मोटरसाइकिल थी, पीक की यात्रा नहीं थी। कॉलेज प्रशासन ने बस्ती के बेहतर इलाज के साथ-साथ पीयाज की पढ़ाई को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा 13 विषयों में पेइचिंग 57 के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को आवेदन दिया गया था। जिसके बाद पेइचिंग यात्रियों का सफर साफ हो गया। वहीं डायरिया के इलाज के लिए 6 मेडिकल उपकरणों के प्रस्ताव के साथ-साथ शासन को भेजा गया था। इसमें चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उद्यम से मिला हुआ है। अब सेक्रेटरी यूनाइटेड ने दो करोड़ के बजट का अंतर दे दिया है, इसका शासनादेश भी जारी हो गया है।

मेडिकल कॉलेज को मिले ये उपकरण

मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक विभाग के लिए 38 लाख रुपये कीमत से ब्लड सेपरेटर मशीन की कीमत। वहीं नाक, कान और कांच विभाग के लिए 23 लाख 78 हजार 499 डॉलर का शुल्क। अस्थि रोग के लिए सी आर्म मशीन 43 लाख 13 हजार 745 रुपए की लागत। वहीं दर्शन विभाग में स्लिट लैप मशीन की कीमत 16 लाख 13 हजार रुपये है। इसके अलावा फिजियोलॉजिस्ट विभाग में टी-मशीन 39 लाख 4 हजार 500 की कुल लागत आएगी। मेडिकल कॉलेज के कार्यशाला सीपी पाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अब और बेहतर सुविधाएं होनी चाहिए। यहां सिद्धांत मशीन दी गई है. जिसमें कई तरह की चुनौती में शामिल को अब बाहर के मेकअप की जरूरत नहीं है। उनका इलाज कायदे में ही होगा और यह पूरी तरह से मुक्त होगा।


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