सेहत – गोविंदपुर में चल रहा है “टीबी हारेगा जीत देशेगा” अभियान, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

धनबाद: मृतक जिले के गोविंदपुर क्षेत्र में हाल ही में एक टीबी जागरूकता अभियान के तहत “टीबी हारेगा देश जीतेगा” अभियान चलाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को टीबी जैसी गंभीर बीमारी के प्रति परामर्श देना और समय पर जांच और उपचार उपलब्ध कराना था।

इस अभियान के दौरान तिब्बती विशेषज्ञ बीर चंद्र ठाकुर (STLS) ने तिब्बत के मुक्ति और मुक्ति के उपायों की जानकारी दी। टीबी, जिसे टेपेडिक भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर की अन्य क्षमताओं को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसका कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस नामक खोज है।

टीबी के प्रमुख लक्षण
टीबी के शुरुआती उद्घाटन में शामिल हैं:

लगातार दो वर्ष से अधिक समय तक खांसी आना
खांसी में खून आना
वजन में अचानक कमी
रात को खाना आना
सीने में दर्द और कमजोरी महसूस होना
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर लोगों को टीबी की पहचान करने और जांच के लिए प्रेरित किया। इनमें से जो लक्षण पाए गए, उनकी निःशुल्क जांच की गई और उन्हें निःशुल्क दवाइयाँ और उपचार प्रदान किए गए।

टीबी से मुक्ति के उपाय
अभियान के दौरान लोगों को साफ-सफाई का ध्यान रखना, खांसते और सुखाते समय मुंह को लगाना, नैचुरल आहार लेना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच का निर्धारण करना बताया गया। टीबी के रोगियों को पूरा कोर्स करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि निचली भी खराब स्थिति हो सकती है।

अभियान के समापन पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपील की कि यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए जाएं। सही समय पर जांच और उपचार से टीबी को हराया जा सकता है, और इस बीमारी से बचाव का यह सबसे प्रभावी तरीका है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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