सेहत – पेट्स का प्यार गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक! पेट में दर्द क्यों दूर रखना चाहिए?

लोग कुत्ता, बिल्ली, तोते, मछली और खरगोश जैसे जानवर बहुत शौक से पालते हैं। यह पालतू जानवरों के लिए नहीं बल्कि परिवार के सदस्य होते हैं। लेकिन अगर घर में कोई महिला गर्भवती है तो उसके लिए यह पेट सिरदर्द बन सकता है। कई अध्ययनों में यह बात साबित हुई है कि पेट्स मिसकैरेज की वजह तक बन सकती है। पेट्स जाने-अनजाने में गर्भवती महिला को कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं।

भर्ती के पहले 3 महीने में खुद का रखें खास ध्यान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हर साल 85% मिसकैरेज लीज़ के 12 सप्ताह से पहले होते हैं। दिल्ली का एक सरकारी अस्पताल गायनेकोलॉजिस्ट डॉ.हिना खान माना जा रहा है कि लिस्टिंग के पहले 3 महीने बहुत अहम होते हैं क्योंकि इस समय एग ओवरडी में रहना फर्टिलिटी हो रहा है। समूह बनाया जा रहा है, इसके लिए ओवरली से धीरे-धीरे प्रोजेस्ट्रोन नाम का हार्मोन जारी होना प्रतीत होता है। 9 सप्ताह बाद जब गर्भनाल में भ्रूण यूट्रस प्रकट होता है और विकसित होना शुरू होता है। 3 महीने में यूट्रस का खतरा बहुत ज्यादा रहता है इसलिए महीनों में मिसकैरेज का खतरा ज्यादा रहता है। डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को पेट से दूर रहने की सलाह देते हैं क्योंकि उनसे कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं।

बिल्ली का मल बढ़ने से परेशानी हो सकती है
गर्भवती महिलाओं को बिल्ली से दूर रहना चाहिए। बिल्ली के मल में एक पैरासाइट होता है जिसे टोक्सोप्लाज्मोसिज कहते हैं। यह पैरासिटाइल्स का दुश्मन है क्योंकि यह प्लेसेंटा कोटे भेदित भ्रूण तक पहुंच सकता है और उसे नुकसान पहुंचा सकता है। अगर यह पैरासाइट शरीर में प्रवेश कर जाए तो तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, सूजन, थकान, मोटापा और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

समूह में पेट्स को अपने बिस्तर, कालीन और दर्पण से दूर रखा गया है (छवि-कैनवा)।

फ्रेंडली डॉग्स रेबीज़ दे सकते हैं
रेबीज एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो जन्मांकी भी हो सकती है। कुत्ते का कुत्ता या चटाईना रबीज कर सकते हैं। कई बार डॉग एलेगेट्स भी एंटरप्राइज़ को मार देते हैं और मालिक को चैट करते हैं। अगर किसी क्रैकर पर कुत्ते की लार लग जाए और उसमें रैबीज का वायरस हो तो यह व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। रैबिज एक लाइलाज बीमारी है जो दिमाग पर गहरा असर करती है। सम्मिलन में जहां भ्रूणह्रास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, वहीं महिला की जान को भी खतरा हो सकता है। रेबीज़ खतरनाक वायरस बिल्ली से भी सीख सकते हैं।

पक्षी से फ़्लो का प्रभाव हो सकता है
कुछ लोग घर में तोता, कबूतर या कई रंग बिरंगे पालते हैं। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन इन पक्षियों के अनुसार कैम्पिलोबैक्टर और साल्मोनेला का संक्रमण हो सकता है। अगर किसी गर्भवती महिला को यह संक्रमण हो जाए तो वह डायरिया और तेज बुखार से परेशान रहती है और यह संक्रमण मिसकैरेज और प्रीमैच्योर बर्थ का कारण बन सकता है।

घर में चूहा भी ठीक नहीं
अगर किसी के पेट पीले नहीं हैं लेकिन घर में चिकन हैं तो वह भी दुश्मन बन सकता है। सबसे खतरनाक सेसोसाइटिक कोरियोमेनिनजाइटिस (LCMV) वायरस हो सकता है। अगर गर्भवती महिला इस वायरस के संपर्क में आ जाए तो मिसकैरेज का खतरा तो रहता ही है लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो भ्रूण के विकास में कोई सुरक्षा उपाय नहीं हो सकता है।

एकल में महिला को गाय-भैंस से भी दूर रहना चाहिए। (छवि-कैनवा)

पेट के बाल एलर्जी का कारण बन सकते हैं
बिल्ली हो या कुत्ता उनके बाल अक्सर घर में फैले रहते हैं और मौसम जब बदलता है तब ऐसा बहुत होता है। ब्रूस करने के बाद भी कहीं भी बेड पर तो कहीं उनके बाल शामिल होते हैं। पेट के बाल और उनके ड्रेंडफ एलर्जी का कारण बन सकता है। जिन महिलाओं को एलर्जी से एलर्जी है उनके पेट के बाल भी खराब हो सकते हैं।

नवजात को नहीं होता नुकसान
डॉ. आख़िर खान माना जाता है कि अगर किसी महिला के पेट के बीच में पेट साफ रहता है तो उसके नवजात बच्चे का पेट खराब नहीं होता है, लेकिन अगर किसी महिला के पेट के बीच में पेट बंद रहता है और बच्चे के जन्म के बाद पेट पीला रहता है तो नवजात बच्चे को पेट खराब नहीं होता है। संक्रमण कर सकते हैं. क्योंकि उनका इम्यूनिटी सिस्टम पेट्स के लिए फ्रेंडली नहीं होता है।

पेट्स के साथ ऐसे रहें स्टेक होल्डर
अगर किसी के घर में पेट है और महिला गर्भवती है तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। महिलाओं को अगर पेट को हाथ लगाना है तो इसके बाद हाथों को साबुन से तुरंत धोना चाहिए। पेट के कान और पंजों के नाख़ून साफ ​​करवाते रहना चाहिए। पेट्स को टीका लगाया गया। उन्हें ऐसे फ़्रैंचाइज़ेशन मिलते हैं जो उनकी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। घर को और विशेष रूप से दर्पण, बुरे और पर्दों को शैतानी से साफ करें। पेट्स के लिटर बॉक्स और खाने के डब्बों को बाहर से देखें। घर को मक्खी, मच्छरों और कॉकरोच से दूर-दूर तक फैला दिया जाता है क्योंकि कई बार यह पेट्स के वायरस पूरे घर में फैल जाते हैं।


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