दरभंगा : जय प्रकाश की नजरों में लोकनीति बनाम राजनीति” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद
- दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का उद्घाटन किया गया!
- राजनीति में भी साक्षरता की जरूरत है -प्रो. मुनेश्वर यादव!
- संविधान के प्रति सच्ची आस्था रखकर ही जेपी के आदर्शों पर चला जा सकता है- डॉ मनोज कुमार
- जेपी व्यवस्था परिवर्तन चाहते थे -प्रो. चन्द्रभानु प्रताप सिंह
- लोकनीति समानता के लिए है – प्रो. आर. बी. ठाकुर
- भारत का लोकतंत्र दुनिया में आज भी सबसे बेहतर है- आलोक कुमार मेहता( पूर्व मंत्री बिहार सरकार)
- राजनीति में अगर लोकनीति न हो तो वह समाजहीत में नहीं होगा- अब्दुल बारी सिद्दीकी (पूर्व मंत्री बिहार सरकार)
- लोकनीति लोककल्याण के लिए उठाया गया कदम है- प्रो. पी. सी. मिश्रा
दरभंगा: विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कौटिल्य कक्ष में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में “जय प्रकाश की नजरों में लोकनीति बनाम राजनीति” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में आलोक कुमार मेहता, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. चन्द्रभानु प्रताप सिंह, प्रो. आर. बी. ठाकुर, प्रो. अनिल कुमार झा, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. पी. सी. मिश्रा उपस्थित थे। प्रो. आर सी ठाकुर ने कहा जय प्रकाश नारायण महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को लेकर ही सम्पूर्ण क्रांति का नारा लेकर सता के खिलाफ युवाओं की आवाज बनें। जय प्रकाश के शब्दों में 66% आम आदमी, 4% अरबपति टैक्स देता है जबकि 1% आदमी के पास 42% सम्पत्ति वहीं 50% गरीबों के पास मात्र 3% सम्पत्ति है। 83% युवा बेरोजगार हैं। लोकनीति के ठीक विपरीत राजनीति है।
आलोक कुमार मेहता ने कहा कि राजनीति मेरा शौक है। राजनीति का वर्तमान समय में अच्छा स्वरूप देने के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करना आवश्यक है। राजनीति में जहां विकृतियां आती है वहां जेपी को याद किया जाता है।
कौम तब तक जिंदा है जबतक अपने पूरखों के प्रति आदर है। शब्दों से अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपनी बातों को रखा। कार्यक्रम में पुस्तकों का विमोचन किया गया। जेपी के संबंध में बेहतर लिखने वाले को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।मंच संचालन प्रोफेसर मुनेश्वर यादव ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर मुकुल बिहारी वर्मा ने किया। कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संबंध रखने वाले कई महाविद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिका, विद्यार्थी, शोधार्थी उपस्थिति थे।