छठ पूजा के अवसर पर सेवा का संदेश फैलाने में डॉ. मनोज का प्रयास।

समस्तीपुर: समस्तीपुर के चंदौली गांव में श्री रामचंद्र सेवा ट्रस्ट द्वारा लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के पूर्व एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. मनोज कुमार सिंह ने सैकड़ों छठ व्रत श्रद्धालुओं के बीच साड़ी, धोती और पूजन की सामग्री का वितरण किया। डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ वास्तव में हमारे संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने इस पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि डूबते हुए सूरज का अर्ध्य देना न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह एकता और सामूहिकता का भी उदाहरण है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करें और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश इस पर्व के माध्यम से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस अवसर पर अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने का प्रयास करें, ताकि हमारी परंपराएं और भी सशक्त हो सकें। इस समारोह में सहरसा एडीजे संतोष कुमार, राम आशीष सिंह ,पूर्व मुखिया देव कुमार, पूर्व मुखिया बिंदेश्वर राय, मुकेश पटेल, कमलधारी पटेल, राकेश कुमार कुशवाहा, मुखिया शैलेश झा , देवकांत सिंह, अमित गोस्वामी, कमलेश कुमार, अखिलेश कुमार आदि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया। डॉक्टर सिंह ने विजय कुमार सिंह, कृष्ण मुरारी, विजय कुमार प्रभाकर ,सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, दिनेश कुमार सिंह, अबधेश कुमार सिंह,अनिल सिंह, रणवीर सिंह, जितेंद्र राय, गौतम राय, अजय कुमार सिंह, ज्योति सिंह, राधेश्याम दास, विकास कुमार, शुभम कुमार, नीतीश कुमार और अन्य सहयोगियों का विशेष आभार व्यक्त किया, जिनके योगदान से यह आयोजन सफल हो सका। उन्होंने आगे कहा, हमें इस तरह के आयोजनों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना चाहिए और समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहना चाहिए।इस आयोजन ने श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और भक्ति का संचार किया, जिससे सभी ने मिलकर इस पावन अवसर का आनंद लिया। समारोह का अंत एक सामूहिक प्रार्थना से हुआ, जिसमें सभी ने सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। छठ पूजा का यह आयोजन स्थानीय समुदाय के लिए एक यादगार अनुभव बन गया, जिसने सभी को एकजुटता और आस्था का अहसास कराया। इस प्रकार, छठ पूजा का यह समारोह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि समुदाय में एकता और सहयोग का एक महत्वपूर्ण संदेश भी प्रस्तुत किया।

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