सेहत – सिर्फ दो खाने की रोटी से अँधे मुँह गिरेगा मोटापा? पक्का नहीं होता तो कुछ दिन दिखाओ, पेट की जिद्दी चरबी भी हांफने की आदत

वजन घटाने के टिप्स- रोटी हमारे देश के दो प्रमुख स्रोतों में से एक है। गेहू और चावल हमारे देश के दो प्रमुख अनाज हैं, जिनमें कई कच्चे चावल मिलते हैं। पूरे देश में आटे और चावल को अलग-अलग टुकड़ों में बांटा जाता है। उत्तर भारत में अक्सर हम लोग होटलों के दांतों से बनी रोटियां खरीदते हैं। ये रोटियां हमारी जरूरत के सबसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लैक्टेट की पूर्ति कर देती हैं जिससे शरीर में ऊर्जा पैदा होती है और हम इसके अलावा एक दिन भर काम करते रहते हैं। रोटी के साथ हम अक्सर दाल या सब्जी का सेवन करते हैं और पूरे दिन इस पर टिके रहते हैं. लेकिन अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो खाने से बनी रोटियों का मोह जरूरी है क्योंकि इसमें कैलोरी बहुत होती है और शरीर में अतिरिक्त चर्बी को बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में हम यहां आपको दो खास तरह की रोटियां के बारे में बता रहे हैं जिनमें आप अपने पैमाने पर बहुत हद तक भौतिक विज्ञान पा सकते हैं। आइये जानते हैं-

दो तरह के आटे से बनी रोटियां

1. रागी के आटे की रोटी-रागी इयासी दोस्त मिलेट. छोटे से गोल मटोल दान में इतना बड़ा डायनैमिक तत्व होता है कि आप सोच नहीं सकते। जब इसके गुण के बारे में सबसे ज्यादा जाना गया तो यह सुपरफूड बन गया। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो रागी के आटे की रोटियां खाइये. इतनी ज्यादा बकवास होती है कि अगर आप इसे सुबह में खा लें तो दिन भर इसमें भूख का छेद बिल्कुल कम हो जाएगा। रागी में अत्यधिक मात्रा में कैल्शियम, आयरन और एसेंशियल एमिनो एसिड होता है। उच्च रक्तचाप के कारण इसका डिजिटलीकरण बहुत धीमी गति से होता है जिससे रक्त शर्करा भी नियंत्रित रहता है। आप रागी के आटे से बनी रोटी के साथ कई स्नैक्स खा सकते हैं. इसमें दाल, तरह-तरह की रेसिपी और यहां तक ​​कि छाछ के साथ भी खा सकते हैं. हालाँकि यदि आपको समस्या है तो आपको रागी की रोटी खाने से बचना चाहिए। फिर आपके लिए अनाधिकृत जा रहे रोटी घटिया साबित हो सकती है।

2. ज्वार के आटे की रोटी-अगर आपका वजन कम करने से ज्यादा है तो सुबह की रोटी के बारे में जानने का सीधा असर पड़ता है। ज्वार की रोटी में भारी मात्रा में डायट्री स्ट्राट्स होती है। जौ की रोटी से आपकी डीमैक्स बनी रहेगी और जब डीएलएज़ ठीक रहेगी तो ज्यादातर चीजें यूं ही शरीर से दूर भागती रहेंगी। दूसरी तरफ ज्वार की रोटी खाने के कारण बहुत देर तक भूख नहीं लगी। बहुत देर तक भूख नहीं लगने से आप ज्यादा कैलोरी नहीं ले पाएंगे और इससे आपका वजन इतना ही नहीं बढ़ जाएगा। ज्वार में बहुत अधिक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, इसके साथ ही प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि भी भरे रहते हैं। ज्वार का ग्लाइसेमिक तत्व कम रहता है, इसलिए इससे ब्लड शुगर मेंटेन रहता है और वजन नहीं बढ़ता है। ज्वार की रोटी को भी आप दाल और विभिन्न प्रकार के चावल और छाछ आदि के साथ खा सकते हैं. ज्वार में मैग्नीशियम बेहद कम होता है, क्योंकि यह पथरी हो जाती है यानी टाइट हो जाती है, इसलिए जब आप ज्वार की रोटी बनाते हैं तो इसके दांतों को गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं। इस रोटी की लोई सही से बन गई अन्यथा यह बहुत तैसा हो जाएगा। हालाँकि जब पेट की बीमारी सेलीड डिजीज होती है तो उन्हें तुरंत बचना चाहिए।

दोनों में से कौन बेहतर
यह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अगर आपका स्वास्थ्य ठीक है तो दोनों तरह की दिनचर्या वजन कम करने पर असर डालती है लेकिन अगर कोई कंडीशन है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि कबाड़ वाले को रागी और सिलिएक डिजीज वाले को कबाड़ की रोटी से सामान लेना चाहिए।

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