सेहत – जब कोई महिला ‘कोमा’ में होती है तो उसे क्या सुविधाएं मिलती हैं? बज़ाख़े ने वर्णन वाली बातें बताईं

महिलाओं में कोमा की अवधि: महिलाओं में मासिक धर्म यानि पीरियड्स (पीरियड्स) की एक खरीद प्रक्रिया होती है। आमतौर पर 11 से 13 वर्ष की आयु तक की लड़कियों में मासिक धर्म की शुरुआत हो जाती है। हालाँकि, आर्किटेक्चर, आर्किटेक्चर, वातावरण के कारण 10 साल में भी आर्किटेक्चर हो जाते हैं। ये स्टार्टअप महिलाओं की उम्र 50 साल तक होती है। किशोरावस्था बंद होने की स्थिति को मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) कहा जाता है। पूरे नौ महीने में उनका पहला नामांकन उद्यम में उद्यमिता में नहीं हुआ। कई बार कुछ चिकित्सीय चिकित्सकों या किसी अन्य चिकित्सक से भी 1-2 महीने के लिए अस्पताल रुक जाते हैं।

ऐसे में एक प्रश्न मन में यह भी है कि जब कोई महिला अस्पताल में कोमा (कोमा) की स्थिति में अपने जीवन के लिए जंग लड़ रही हो तो क्या उसे इस गंभीर स्तर में मासिक धर्म (मासिक धर्म) होगा? कोमा (कोमा) में होटल्स आ जाता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है?

कोमा क्या है? (कोमा क्या है)
इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट में बताई गई बातों के अनुसार, कोमा एक अर्धचेतन अवस्था (अर्ध-चेतना) है, जिसमें एक व्यक्ति का पता चलता है। किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया, फिजियोएक्टिविटी नहीं करता है। उसे एब्सोमेण्टी की समस्या होती है। उसे जगाया नहीं जा सकता. उसके आसपास क्या हो रहा है, उसे किसी भी चीज़ का आभास, दोष नहीं होता। कई कारण जैसे ब्रेन ट्यूमर, कोई एक्सिडेंट सिर जिसमें गंभीर रूप से चोट लग जाए, लिवर, किडनी फेलियर, हृदय गति का रुकना, डायरिया, हाइपोथर्मिया, करंट लगना, स्ट्रोक आदि कोमा में शामिल हो सकते हैं। कोमा में जाने पर मस्तिष्क प्रतिक्रिया नहीं होती है।

कोमा में होने वाले होटल्स होते हैं या नहीं?
अगर कोई महिला किसी कारण से कोमा में चली जाए तो होटल्स में नौकरी के लिए जगह नहीं होगी और वह सही तरीके से काम कर रही होगी। शरीर अपने रूटीन फ़ैक्टरी को जारी रिटायरमेंट और होटल्स कोमा में भी इसी तरह हर महीने होता रहेगा। हालाँकि, कुछ महिलाओं में पोषण की कमी या पीसीओएस जैसी अन्य समस्याओं के कारण रक्त प्रवाह कम हो सकता है। महिलाओं में मासिक धर्म का होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो कोमा (कोमा) में जाने की अवस्था में भी होती है।

क्या कोमा में रिप्रोडक्टिव सिस्टम प्रभावित होता है?
यदि कोई महिला प्रजनन आयु में है, तो उसे कोमा में भी रखा जा सकता है। कोमा में किसी व्यक्ति का मस्तिष्क प्रभावित होता है न कि जन्म अंग। ऐसे में एक महिला को होटल बनाना शुरू हो सकता है और रजोनिवृत्ति से पहले एस्थोमिक होने के बाद तीसरे चरण में भी होटल बन सकते हैं। ठीक उसी तरह, जिस तरह अन्य जरूरी शारीरिक क्रियाएं जैसे मल त्याग करना, पेशाब आना भी कोमा में जारी रहता है।

मस्तिष्क संग्रहालय और शारीरिक संरचना को नियंत्रित किया जाता है?
इंडियनएक्सप्रेस में दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, मस्तिष्क भाषण, दृष्टि, संवेदना, सुनने की क्षमता, मोटर चालक आदि को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी है। आपने गौर किया होगा कि जब भी किसी व्यक्ति को कोमा की समस्या होती है तो उसका हाथ-पैर हिल नहीं पाता, संवेदना महसूस नहीं होती, आवाज नहीं सुन पाती, कुछ भी नहीं देख पाता। शरीर के कुछ कार्यों जैसे कि इनस्ट्रू मैनुअल साइकल आदि को मस्तिष्क पर नियंत्रण नहीं होता है। जब आपको पता चले तो कुछ समय के लिए पेशाब, मल को रोका जा सकता है, लेकिन मोटापा की स्थिति में नहीं। एक बार मूत्राशय भर जाने पर पेशाब निकल ही जाएगा। हाँ, कई मामलों में पेशाब मूत्राशय में ही रुकावट आ जाती है, जिसके लिए रोगी को मूत्र कैथेटर लगाया जाता है। मनोवैज्ञानिक व्यक्ति में मूत्र और मल का निर्माण जारी है।

ये भी पढ़ें: त्वचा उपचार: लेजर स्किन रिस्र्फेसिंग क्या है? प्रशिक्षुओं से जानें फायदे-नुकसान, अध्ययन के बाद की सावधानियां


Source link

Back to top button