सेहत – सेहत के लिए वरदान है यह पेड़, नीम-बूल से भी मिलती है ताकत, दांत दर्द-मसूदों की सूजन में है रामबाण

आख़िर: करंज का पेड़, जिसे वैज्ञानिक रूप से पोंगामिया ग्लबरा कहा जाता है, भारत के प्रमुख वृक्षों में से एक है, जो विशेष रूप से नदियों और तटों के किनारे उगता है। इसका महत्व न केवल पर्यावरण के लिए है, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी इसे विशेष माना जाता है। करंज के पेड़ को मिट्टी के कटाव के निषेध के लिए भी जाना जाता है, जिसमें यह प्राकृतिक संरक्षक की भूमिका है। लोकल 18 की टीम ने जब दो कृषि अनुसंधानकर्ताओं से बात की तो उन्होंने पेड़ों के कई औषधीय शास्त्रों को शामिल किया।

करंज के पेड़ को कैसे पहचानें

करंज के पत्ते घने हरे और गहरे भूरे रंग के होते हैं और इसके फूल आसमानी रंग के होते हैं, जो इसे एक आकर्षक सजावटी पेड़ के टुकड़े बनाते हैं। इसमें सेमेस्टर से होता हुआ तेल औषधीय गुण से भरा हुआ है। यह वात, कफ, और कर्मरोग जैसा सिद्ध होता है। इसके साथ ही करंज के तेल का उपयोग कई अन्य आयुर्वेदिक उपचारों में भी किया जाता है।

नीम और बबूल को औषधीय गुणों में टक्कर देता है करंज

नीम और बबूल की तुलना में कर्ज के कई अनोखे गुण हैं। नीम जहां अपने एंटी-एजेंसी और एंटीवायरल गुणों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं बबूल के पेड़ को दांतों के लिए स्वास्थ्य में उपयोगी माना जाता है। इसी प्रकार के करंज का उपयोग दांतों और मसूदों के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन से राहत मिलती है। इस पेड़ का उपयोग दंत चिकित्सा में नीम और बबूल के समान ही प्रभावशाली होता है।

सड़क किनारे लैरो पेड़ लगाए गए

मिर्ज़ा जिले में वन विभाग द्वारा लाखों की संख्या में कर्ज़ के पेड़ सड़कों के किनारे लगाए जा रहे हैं। इसमें केवल छाया ही उपलब्ध नहीं है, बल्कि मिट्टी भी स्थिर है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में इसकी भूमिका बढ़ जाती है। एक तरह से ऐसे पेड़ प्रकृति के स्तर के समान हैं, जो न केवल सौंदर्य में वृद्धि करते हैं बल्कि औषधीय और औषधीय लाभ भी प्रदान करते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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