सेहत – फ़ेम का होटल और इन्फर्टिलिटी से कनेक्शन क्या है? जानिए पुरुषों को क्यों परहेज नहीं करना चाहिए

बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘हमें खुश करना जरूरी है।’ यह जादू का ही जादू है जो लोगों को फेम डिस्क पर जबरदस्ती कर देता है। पर फ़ेम केवल व्यक्तित्व को ही नहीं महते बल्कि व्यक्ति की ख़ास पहचान भी बन जाती है। संभवतः प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार ने यह गीत गाया है- ‘मैं सांस लेता हूं तेरी आत्माएं आती है, एक महका-महका सा पैगाम लाती है।’ लेकिन कई बार यही परफ्यूम इंफेक्शन का कारण भी बन जाते हैं.

पर फ़ेम में जहर?
ज्यादातर पर फ्यूम इथेनॉल और आइसोप्रोपिल कोस्ट से जुड़े हुए हैं, जो स्टॉक में हैं। अगर किसी व्यक्ति की त्वचा सेंस असामान्य है तो यह परफ्यूम उन्हें इंफेक्शन दे सकता है। इससे कई बार कॉन्टैक्टैक्ट डर्मेटाइटिस हो जाता है। इससे त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते, दाने या झनझनाहट होने लगती है। कुछ लोगों को फ़्यूम बनाने के तुरंत बाद ही बहुत अधिक खुजली होने लगती है इसे मेडिकल भाषा में इरिटेंट कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहा जाता है। वहीं कुछ लोगों में इस तरह की एलर्जी 48 से 72 घंटे के अंदर दिखती है। इसे एलर्जेटिक कॉन्टैक्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहा जाता है।

घड़ी या संरचना से होता है मैटालिक क्रॉक
अक्सर जब लोग मेटल की घड़ियां गायब हो जाते हैं तो उन्हें पहले ही कह देते हैं कि घड़ी की घड़ी पर फ़ेम ना उत्पाद। इस घड़ी का रंग उतरेगा। सोचिये जो फ़ेम क्लॉक का रंग उड़ा सकता है, वह त्वचा के रंग को नुकसान पहुँचाता है। दिल्ली के मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत में डर्मेटकॉन्स्टिट्यूशन डॉ. कशिश कालरा कहा जाता है कि अक्सर लोग घड़ी या डिज़ाइन के बाद फ़ेम उपयोग की ग़लती करते हैं। अगर इसकी छड़ें और आकार पर लग जाए तो इससे मैटेलिक रिएक्शन हो सकता है, जिससे व्यक्ति संपर्क में आने वाले डर्मेटाइटिस का शिकार हो सकता है। कई बार इस वजह से छाले और सूजन भी होती है।

परफ्यूम से इंफेक्शन हो तो त्वचा पर नारियल का तेल या एलोवेरा जेल रूम। (छवि-कैनवा)

एक्जिमा और सिरोसिस वाले अस्पताल
गर्मियों में अक्सर लोगों को खाना आने की वजह से दाद मिलती है। वहीं एक्जिमा और सिरोसिस भी ऑटोइम्यून विकार हैं लेकिन इससे त्वचा रूखी हो जाती है। कई बार यह पापड़ी की तरह भी मिलती है। डर्मेटोकोन डॉ. कशिश कालरा ने बताया कि ऐसे लोगों को भूलकर भी परफ्यूम नहीं ले जाना चाहिए।

पृथ्वी की बीमारी कर सकते हैं परफ्यूम
पर फ़ेम में वॉलकैनिक कनायलट कंपनी ग्राउंड (VOCs) होता है। यह केमिकल कण पेंट में भी पाए जाते हैं। जिन लोगों के विदेशी चेहरे हैं, उन्हें ये कण नुकसान पहुंचाते हैं। जहां एक ओर जहां एक ऐसी ही दुनिया की बीमारी के बारे में चर्चा की जा रही है।

विज्ञान में बांझपन का कारण
पर फ़ेम कई केमिकल्स का कॉकटेल है। अमेरिकी एनवायर्मेंट वर्कशॉप ग्रुप अध्ययन में सामने आया कि रसायन विज्ञान के रसायन इंसानों की जन्म क्षमता को प्रभावित करते हैं। स्कॉटलैंड की एडिनबर्ग विश्वविद्यालय एक शोध में इसे पुरुषों में इन्फर्टिलिटी का कारण माना गया। रिसर्च में कहा गया है कि जो गर्भवती महिलाएं लगातार फ्यूम लगाती हैं, इसका असर उनके पेट पालने वाले बच्चे पर पड़ता है। यदि वह बच्चा बच्चा है तो 8 से 12 प्लांट के बीच उसके रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है जो उसे भविष्य में बांझपन का शिकार बना देता है। असलियत पर फ्यूम स्पर्म की संख्या घटी हुई है।

पर फ़ेम को स्कार्फ की जगह फ़्लोट पर फर्नीचर। (छवि-कैनवा)

हार्मोन का संतुलन संतुलन
दुनिया में हुई कई स्टडीज में यह बात कही गई है कि चॉकलेट जैसी स्वादिष्ट चीजें हार्मोन पर असर डालती हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार जब फ्यूम की बात आती है तो दिमाग में मौजूद एंडोक्राइन सिस्टम को संकेत मिलते हैं जिससे हार्मोन जल्दी-जल्दी रिलीज होते हैं। जब शरीर में हार्मोन्स का हद से ज्यादा उभार होता है तो यह असंतुलित हो जाता है। इससे थकान, जहर, पीसी ओएस, रेज़्यूमे होम्स, फर्टिलिटी और कामेच्छा की कमी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

उल्टी और दस्त से परफ्यूम पॉइज़निंग
कुछ लोगों को परफ्यूम की महक आने से ही सिरदर्द होना शुरू हो जाता है। कुछ तो उल्टी भी करना शुरू कर देते हैं। वहीं कई बार फोम के तेल से बने इसके ड्रमों को मुंह में भी डाला जाता है। इससे कुछ लोगों का पेट खराब हो जाता है। उन्हें उल्टी, दस्त के साथ ही अस्थैतिकता दिखाई देती है। अगर ग़लत से बच्चा इसे पी लें तो उनका ब्लड शुगर अचानक कम हो जाता है। इसे पर फ्यूम पॉइज़निंग कहा जाता है। ऐसे लक्षण लक्षण तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

पैच परीक्षण जरूरी
स्किन स्पेशलिस्ट का मानना ​​है कि परफ्यूम बनाने से पहले हर व्यक्ति को पैच टेस्ट करना चाहिए। पर फ़ेम को कलाई पर 1 दिन के लिए छोड़ना चाहिए। अगर वहाँ जलन हो तो इसे लागू करने से रोकें। कुछ लोग संस्थान, शेविंग या वैक्सिंग करने के लिए तुरंत परफ्यूम लगाने की सलाह देते हैं। पर फ़ेम को हमेशा कलाई, गले या कान के पिछले हिस्से को पहनना चाहिए। भूलकर भी अंडरआर्म्स पर फ़ेम ना रूमाल। यदि शरीर पर कहीं घाव है या त्वचा कटी हुई है तो भी इसका उपयोग करें।


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