सेहत – जंगल में आग की तरह पेट को धधकाने लगता है एंटीबायोटिक्स, मर जाते हैं गुड फूड, पर ये सामान रखते हैं
आंत के स्वास्थ्य पर एंटीबायोटिक्स का प्रभाव: 1928 में जब पेन्सिलिन वाइट्स एंटीबायोटिक्स का आविष्कार हुआ तो इसी से मेडिकल दुनिया में क्रांति आ गई। ऐसी कई बैक्टीरिया संबंधी बीमारियाँ थीं जो सीधे तौर पर लोगों के मुँह में पहुँचती थीं लेकिन एंटीबायोटिक्स के कारण ऐसे लोगों को मौत के मुँह में खींच लिया जाता था। ये हमारे पेट में गुड फूड भी बिकता है लेकिन इसका एक नुकसान भी होता है। हमारे शरीर में 2-3 बच्चे तक गुड स्कैटर होते हैं जो हमें हर तरह से मदद करते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डॉ. में। टीएन डोंग का कहना है कि बेशक ये असरदार हो सकता है लेकिन लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स खतरनाक असर कर सकता है। डॉ. टीएन डोंग का कहना है कि जो लोग बैक्टीरिया होते हैं अगर वे एंटीबायोटिक ले लेते हैं तो उनके पेट में होटल से गुड रेस्तरां आ जाते हैं। कई बार यह आपके लिए भी ठीक हो जाता है लेकिन कई बारफ़िल्म से लेकर गुड बुकमार्क में विविधताएं कम हो जाती हैं।
एंटीबायोटिक्स पर कैसे असरदार होते हैं
न्यूयॉर्क टाइम्स डॉ. टीएन डोंग ने बताया कि जंगल में पेड़-पौधों और वनस्पतियों से जिस तरह का असर हमारे पेट पर होता है, ठीक उसी तरह का एंटीबायोटिक हमारे पेट पर होता है। डॉ. डोंग कहते हैं कि आग लगने के बाद जो उपाय सबसे अधिक क्षमतावान और बलशाली होते हैं वे सबसे पहले उगते हैं। हाल ही में भी यही होता है, तेजी से बढ़ने वाले रिकॉर्ड सबसे पहले तेजी से बढ़ने लगे हैं और पूरे पेट को जल्दी से कवर कर लेना है। लेकिन जो कम शक्तिशाली रिकॉर्ड उभरते हैं वे बाद में विकसित होने लगते हैं लेकिन तब तक जगह का अभाव हो जाता है और ऐसे रिकॉर्ड की संख्या कम हो जाती है। इस आंत का माइक्रो बायोम कम अलग-अलग होता है। यानी पहले उपभोक्ता तरह के रिकॉर्ड थे, अब उपभोक्ता नहीं रहे। अगर आप लगातार एंटीबायोटिक्स का सेवन करेंगे तो लगातार एंटीबायोटिक्स के सेवन की विविधता कम होगी।
तलाक़ में ख़रीदा कैसे मरते हैं
हालाँकि आजकल कुछ ऐसे एंटीबायोटिक्स भी दिए गए हैं जो पेट के पूरे बैक्टीरिया को नष्ट नहीं करते हैं। माइक्रोबियल गिटारवादक एमीलैंडन कहते हैं कि जैसे जंगल में जब आग लगती है तब कुछ हरा-भरा स्थान भी बच जाता है। ठीक है यहाँ स्थिति ताज़ा में होती है. देखें जो ओरल एंटीबायोटिक आते हैं उनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया को बचा लेते हैं। ऐसे में फिर तेजी से दूसरे गुड बिजनेसमैन भी ग्रो करने लगे हैं. समय के साथ जो जीवित प्राणी हैं वे आपके भोजन या अन्य वस्तुओं से प्राप्त खराब अभिलेखों को बाहर से उजागर कर देते हैं और स्टेक माइक्रोबायोम का पुनर्निर्माण कर देते हैं। लेकिन हर इंसान के साथ ऐसा नहीं होता. यदि आप बार-बार एंटीबायोटिक दवा लेते हैं तो यह आपके लिए आदर्श है।
एंटीबायोटिक्स के बाद मुझे क्या खाना चाहिए
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना कैंसर सेंटर के इमीरोबायोकेंसी डॉ. पावेल कीला का कहना है कि आपके स्टॉक में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो एंटीबायोटिक डॉक्टर के बाद जो डॉक्टर मरते हैं उनका रिकवर तेजी से बनता है। उदाहरण के लिए, तलाकशुदा खाद्य पदार्थों को चॉकलेट में बहुत पसंद किया जाता है। इसलिए नारियल खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गुड चार्ट तेजी से बढ़ता है। 2021 के एक अध्ययन में इलेक्ट्रानिक ने ह्यूमन रिसर्च को चेज़र के दो लैब में ट्रांसप्लांट कर दिया। इसके बाद दोनों को एंटीबायोटिक दिया गया और फिर खाना दिया गया।
परीक्षण में पाया गया कि जिस ग्रुप में चारे वाला फर्नीचर दिया गया था, उसमें गुड स्टूडेंट की संख्या तेजी से बढ़ी है। एंटीबायोटिक्स देने के बाद, कम मोटापा वाले आहार पर रहने वाले का माइक्रोबायोम धीरे-धीरे ठीक हो गया। मानक नियमों के अनुसार एक दिन में इंसान को कम से कम 21 से 38 ग्राम मोटा खाना खाना चाहिए। इस आंत का माइक्रोबायोम स्थिर रहता है। डॉ.कियेला का कहना है कि एंटीबायोटिक लेने के बाद प्याज, लहसुन, लाइक, केले, शतावरी, आर्टिचोक, ओट्स और दालें गुड शुगर को तेजी से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए हरी पत्ती की पत्ती का सेवन करना चाहिए।
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पहले प्रकाशित : 17 नवंबर, 2024, 17:58 IST
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