सेहत – व्याख्याकार: स्वाइन फ्लू क्या है, कहां से आया, इसके लक्षण कैसे हैं और लक्षण क्या हैं? जानिए हर सवाल का जवाब
भारत में एक बार फिर स्वाइन फ्लू (स्वाइन फ्लू) ने दस्तक दे दी है। राजधानी सहित दिल्ली देश के देशों राज्यों में स्वाइन फ्लू के पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली के लेआउट में स्वाइन फ्लू के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। प्रतिभावान पर सबसे ज्यादा नजर जा रही है। स्वाइन फ़्लू (स्वाइन फ़्लू) क्या है, कहाँ से आया, कैसे होता है और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं? जानिए स्वाइन फ्लू से जुड़े हर सवाल के जवाब
प्रश्न: स्वाइन फ्लू क्या है (स्वाइन फ्लू क्या है)
उत्तर: स्वाइन फ्लू एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है। इसे H1N1 वायरस भी कहते हैं. तारबंदी और बीआर कॉम सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के निदेशक प्रो. सूनीत सिंह hindi.news18.com से कहते हैं इन्फ्लूएंजा वायरस कई प्रकार का होता है। स्वाइन फ्लू टाइप ए इन्फ्लूएंजा होता है। यही इन्फ्लूएंजा सुअर को भी प्रभावित करता है। इसका नाम स्वाइन फ़्लू है।
प्रश्न: कहां से आया स्वाइन फ्लू वायरस
उत्तर: वर्ष 2009 के फ़्लू सीज़न (स्वाइन फ़्लू) में पहली बार h1n1 इन्फ्लूएंजा वायरस फैला। प्रारंभिक मामला मेक्सिको में पाया गया। बाद में पता चला कि h1n1 इन्फ्लूएंजा वायरस का ऐसा प्रकार है जो सूअर और कुछ पक्षियों में ही था। नग्न से इंसानों में फैलाया. वर्ष 2009 में WHO ने पहली बार स्वाइन फ़्लू को महामारी यानि महामारी घोषित किया। उस साल अकेले दुनिया भर में h1n1 वायरस से 248400 लोगों की मौत हो गई। 2010 महामारी ख़त्म हो गयी. हालांकि इसके बाद भी हर साल हजारों लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
प्रश्न: कैसे होता है स्वाइन फ्लू वायरस
उत्तर: साल 2009 में जब पहली बार h1n1 वायरस इंसानों से मिला तब कुछ नमूनों ने कहा था कि इसके पीछे सूअर जिम्मेदार हैं। हालांकि बाद में पता चला कि ये वायरस इंसानों से भी अलग है. खासतौर पर सांस लेने, सांस लेने और करीब से सांस लेने से।
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प्रश्न: स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या हैं (स्वाइन फ्लू के लक्षण)
उत्तर: स्वाइन फ्लू के लक्षण आम बुखार जैसे ही होते हैं। जैसे- सर्दी, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, बिस्तर पर दर्द और सांस लेने में परेशानी। डॉ. नीत सिंह का कहना है कि कई मामलों में इंफेक्शन बढ़ने से मरीज की मृत्यु तक हो सकती है।
प्रश्न: किन लोगों को स्वाइन फ्लू का सबसे बड़ा खतरा?
उत्तर: विद्वानों का कहना है कि ऐसे लोगों में समानता का अभाव होता है, जिससे उन्हें स्वाइन फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को स्वाइन फ्लू का खतरा रहता है। इन लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
प्रश्न: स्वाइन फ्लू का इलाज क्या है?
उत्तर: डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि स्वाइन फ्लू (स्वाइन फ्लू) का इलाज सिंप्टोमेट होता है। जैसे बुखार के लिए बुखार की दवा या खांसी के लिए खांसी की दवा। कई मामलों में चिंता को टेमीफ्लू जैसी दवा भी दी जाती है, जो वायरस के असर को कम करती है। डॉ. गुप्ता का कहना है कि स्वाइन फ्लू के मरीज ज्यादातर आप ठीक हो जाते हैं।
प्रश्न: स्वाइन फ्लू कितने दिन रहता है?
उत्तर: स्वाइन फ्लू का संक्रमण अमूमन 8 दिन तक रहता है।
प्रश्न: स्वाइन फ्लू से बचने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: फ्लू के मौसम में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से आश्रय और बहुत जरूरी हो तो मास्क रूम। खांसते और सोते समय मुंह पर रूमाल जरूर रखें। इसके अलावा अगर किसी पासपोर्ट व्यक्ति के संपर्क में आएं तो अपनी जांच अवश्य कराएं। विकल्प का प्रयोग करें. नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ से भरा हुआ।
प्रश्न: इस सीज़न में स्वाइन फ़्लू क्यों होता है?
उत्तर: फेलिक्स हॉस्पिटल के डेडबॉडी डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि भारत में हर साल दो फ्लू सीजन आते हैं। पहली जनवरी से मार्च तक और दूसरी दुविधा में। जो सितंबर से नवंबर के बीच रहता है। इस सीज़न में तरह-तरह के फ्लू फैलते हैं। जिसमें वायरल फीवर से लेकर स्वाइन फ्लू शामिल हैं। जिन लोगों की इम्युनिटी ख़राब होती है, उनमें ख़तरा ज़्यादा रहता है। ऐसे लोगों को फ़्लू सीज़न (फ़्लू सीज़न) में सावधानी बरतनी चाहिए।
पहले प्रकाशित : 11 सितंबर, 2024, 11:44 IST
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